लाखों यात्री प्रत्येक दिन भारतीय रेलवे (Indian Railway) द्वारा सफर करते हैं. ये यात्री अपनी टिकटों को बुक करवाने के लिए IRCTC सहित बाहरी एजेंटों के द्वारा अपनी टिकट को बुक करवाते हैं. लेकिन अब बाहरी एजेंटों द्वारा टिकट बुकिंग में धांधली के कारण रेल मंत्रालय सख्त हो गया है.
पूर्व केंद्रीय राधा मोहन सिंह की अध्यक्षता वाली रेल संबंधी स्थायी समिति ने संसद में पेश रिपोर्ट में उपरोक्त बात का खुलासा हुए बताया कि बताया कि 2015-16 से 2021-22 (नवंबर 2021तक) आईआरसीटीसी से 3744995 लाख निजी यूजर आईडी रद किए गए. इसमें 2019-20 में 1120236 और 2020-21 में 1162493 यूजर आईडी रद्द किए गए.
आपको बता दें आईआरसीटसी की वेबसाइट पर आम जनता के लिए प्रतिदिन सुबह 8 बजे एडवांस रिवर्जेशन टिकट बुकिंग (एसी श्रेणी), 10 बजे तत्काल टिकट बुकिंग व 11 बजे स्लीपर के लिए एडवांस रिजर्वेशन शुरू होता है. इस दौरान आईआरसीटसी के लाखों सब-एजेंट वेबसाइट पर किसी भी प्रकार का टिकट बुकिंग करने पर प्रतिबंध है.
लेकिन प्रतिबंध के बावजूद एजेंट आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर अवैध तरीके से सेंधमारी कर रहे हैं. इस कारण कनफर्म टिकट चंद पलों में बुक हो जाते हैं और अधिकांश रेल यात्रियों के हाथ वेटिंग टिकट लगता है. इस धंधे में सब-एजेंट के अलावा दलाल व छोटे व्यापारी भी संलिप्त हैं.
टिकटों की कालाबाजारी में लगे सब एजेंट आधुनिक सॉफ्टवेयर का प्रयोग करते हैं. यह गूगल व मार्केट में आसानी से उपलब्ध है. इसमें यात्री का नाम, पता, उम्र, मोबाइल नंबर आदि पहले से दर्ज कर दिया जाता है.
सॉफ्टवेयर से प्रतिबंध के बाद भी वेबसाइट में सेंध लगाना आसान है और एक बार क्लिक करने के बाद सॉफ्टवेयर आईआरसीटीसी सर्वर में हिट करता रहता है जब तक ट्रांजेक्शन पूरा नहीं हो जाता है. वहीं, आम यात्री सामान्य कंप्यूटर सिस्टम से कनफर्म टिकट लेने का प्रयास करता है, लेकिन वह सफल नहीं हो पाता है. समिति ने कहा है कि रेलवे को इस समस्या का स्थायी समाधान करना होगा.
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