Parakram Diwas : आज का दिन हर भारतीय के लिए खास है. खास इसलिए क्योंकि आज उस महान स्वतंत्रता सेनानी की जयंती है, जिन्होंने कहा था कि तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा. ये नारा आज भी हर भारतीय के दिल में जिंदा है.लेकिन अब आप ये सोच रहेंगे होंगे कि आखिर सुभाष चंद्र बोस(Subhash Chandra Bose) और पराक्रम दिवस(Parakram Diwas) में आखिर क्या कनेक्शन है. जो हम पराक्रम दिवस पर नेता जी की बात कर रहे हैं. इसके लिए आपका ये आर्टिकल पढ़ना बेहद जरूरी है. तो चलिए जानते हैं कि दोनों के बीच आखिर क्या कनेक्शन है.
Parakram Diwas और नेता जी के बीच क्या है कनेक्शन?
पराक्रम दिवस हर साल 23 जनवरी को मनाने की परंपरा है. लेकिन ये परंपरा साल 2021 में शुरू हुई.साल 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Narendra Modi) ने 23 जनवरी को पराक्रम दिवस मनाने की का फैसला किया था. उसके बाद से हर साल 2021 को ही पराक्रम दिवस मनाया जाता है.इस दिन पराक्रम दिवस मनाने की खास वजह है.
23 जनवरी 1897 को ओडिशा के कटक में नेता जी जन्म हुआ था.इस दिन नेता जी सुभाषचंद्र बोस की जयंती भी होती है.और उन्हीं की याद में इसे मनाया जाता है.इस दिन उन्हें याद किया जाता है. सुभाषचंद्र बोस ने स्वतंत्रता के लिए जो योगदान दिए उसे चाह के भी भूला नहीं जा सकता.हालांकि इस पर भी राजनीति होती रही है.एक पक्ष हमेशा से ये कहता है रहा कि, इतिहास में नेता जी को वो सम्मान नहीं मिला, जिसके वो हकदार थे.
नेता जी का भला वो नारा कौन भूल सकता है, जो उन्होंने स्वतंत्रता की लड़ाई में दिया था. ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’.इस नारे में स्वतंत्रा की लड़ाई में एक नई जान डाल दी थी. आजानी की जंग में उनके योगदार और उनके पराक्रम को याद करने के लिए सुभाषचंद्र बोस की जयंती पर पराक्रम दिवस मनाया जाता है.
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