हमारा भारतवर्ष , दक्षिण , पूर्व और पश्चिम में तीनों ओर समुन्द्र से घिरा है। ऐसे में हर साल हमें कई चक्रवातों सामना करना पड़ता है। अब जैसा कि हम जानते है कि चक्रवाती तूफान बिपरजॉय (Biparjoy) अब बहुत खतरनाक रूप ले चुका है. मुंबई (Mumbai), गुजरात और केरल(Kerala) के किनारे समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरे उठ रहे हैं. कई जगहों पर बारिश तेज हवाओं के साथ बारिश भी होने लगी है.
कैसे आता है चक्रवाती तूफान
सागर में समुद्री जल का तापमान बढ़ने पर इसके ऊपर मौजूद हवा गर्म हो जाती है. यह ऊपर की ओर उठने लगती है तो उस जगह कम दबाव का क्षेत्र बनने लगता है. इसे भरने के लिए पास की ठंडी हवा कम दवाब वाले जगह की ओर बढ़ने लगती है. गर्म और ठंडी हवाओं के मिलने से तूफान का जन्म होता है. यही तूफान तेज हवाओं के साथ बारिश भी लाता है.
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कितने श्रेणी के होते हैं तूफान
चक्रवाती तूफान को हवा की रफ्तार के अनुसार, पांच श्रेणियों में बांटा गया है.
पहली श्रेणी : तूफान की रफ्तार 119 किमी से 153 किमी होती है.
दूसरी श्रेणी : रफ़्तार 154 से 177 किमी प्रति घंटे होती है.
तीसरे श्रेणी : 178 से 208 किमी की रफ्तार वाले को रखा गया है.
चौथी श्रेणी : 209 से 251 प्रति घंटे की रफ्तार वाले साइक्लोन को
पांचवी श्रेणी : 252 किमी प्रति घंटा या उससे ज्यादा की रफ्तार वाले को तूफान
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि चक्रवात बिपरजॉय धीरे-धीरे 5 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर की दिशा में आगे बढ़ रहा है . 15 जून की दोपहर तक 125-135 किमी/घंटा की रफ्तार से एक बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान सौराष्ट्र, कच्छ और पाकिस्तान के तट से टकराएगा. 14-15 जून को सौराष्ट्र, कच्छ में तेज बारिश होगी.
आईएमडी की ओर से साझा की गई जानकारी के अनुसार, ‘‘वीएससीएस (बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान) ‘बिपारजॉय’ अरब सागर के ऊपर उत्तर-पश्चिम की तरफ बढ़ते हुए 14 जून को तड़के भारतीय समायुनसार ढाई बजे जखाऊ बंदरगाह से लगभग 280 किलोमीटर डब्ल्यूएसडब्ल्यू पर केंद्रित रहा. वीएससीएस के रूप में ही 15 जून की शाम तक यह जखाऊ बंदरगाह (गुजरात) के पास से गुजरेगा .
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