RBI Circular on loan Defaulters: आज के समय में ऐसा अनुमान देखा जा रहा है कि लोग अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए बैंक से लोन ले लेते हैं लेकिन जब लोन चुकाने की बारी आती है तो वह बैंक को लोन नहीं चुकाते. ऐसे ही कर्जदारों पर भारतीय रिजर्व बैंक सख्त हो गया है और उसने सर्कुलर जारीकरते हुए क्या कुछ कहा है इस के बारे में आपको बताते हैं.
RBI ने जारी किया सर्कुलर
भारतीय रिजर्व बैंक ने अब ऐसे लोग जो जानबूझकर लोन को नहीं चुकाते उनके खिलाफ सर्कुलर जारी करते हुए कहा है कि ऐसे लोगों को एक अलग वर्ग में बैंकों द्वारा शामिल किया जाना चाहिए और ऐसे लोग जो समय पर लोन चुकाते हैं उनको एक अलग वर्ग में शामिल किया जाना चाहिए.
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डिफाल्टर लिस्ट में होंगे शामिल
ऐसे व्यक्ति जो कर्ज नहीं चुका रहे हैं उनको बैंक को डिफाल्टर की लिस्ट में शामिल करना चाहिए और वह व्यक्ति डिफाल्टर की लिस्ट में से अपना नाम अगर हटवाना चाहता है तो उसे एक जो बैंक के द्वारा समझौते की राशि है उसको जमा करना होगा उसके लिए जरूरी नहीं कि उसे पूरा लोन ही जमा करना होगा.
इतने समय बाद बैंक ले सकती है बड़ा एक्शन
इसके साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि जो लोग समय पर लोन जमा नहीं करते उनकी खिलाफ बैंक को एक्शन लेना चाहिए. कर्जदारों को 6 महीने की वक्त देते हुए आरबीआई ने कहा है कि अगर 6 महीने तक डिफॉल्टर लिस्ट में शामिल व्यक्ति अपना लोन नहीं चुकाता है तो उसके खिलाफ बैंक कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है.
पिछले 5 सालों में बैंकों को लगा इतना चूना
बता दें की पिछले 5 सालों में बैंकों की तरफ से उधार धारकों के 10 लाख करोड रुपए से ज्यादा के लोन को बट्टा खाता में डाल दिया गया है क्योंकि यह लोन NPA हो गया था. लेकिन ऐसा नहीं है कि बैंक द्वारा इन लोन को भत्ते खाते में डालने के बाद बैंक वसूली की प्रक्रिया को बंद कर देगा इसलिए जो व्यक्ति अपने लोन को यह सोचकर जमा नहीं करता कि उसका लोन एनपीए में चला गया है और अब बैंक उससे लोन नहीं लगी तो ऐसा नहीं है उसे बैंकों द्वारा वसूली की प्रक्रिया जब तक लोन न चुक जाए, जारी रहती है.
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