High tech farming: किसानों को हमारे देश में अन्नदाता कहा जाता है. हमारे कृषि प्रधान देश में किसान अपनी मेहनत से देश को सींचते हैं. लेकिन जानकारी के अभाव और बदहाली के चलते किसानों की आर्थिक हालत में 70 सालों में कोई खास फर्क नहीं पड़ा. हालांकि, कुछ सालों से किसानों ने तकनीक के साथ कदमताल करते हुए आर्थिक मोर्चे पर काफी हद तक सफलता पाई है.
लेकिन हकीकत में देश के कुछ गांव अब ऐसे बन गए हैं जो तकनीकों के मामले में शहरों को भी पीछे छोड़ रहे हैं.अब देश के किसानों को ऐसी ऐसी कारगर तकनीकें हाथ लग रही हैं जो उनका फायदा कई गुना बढ़ा रही हैं. हम आपको ऐसी ही टेक्नीक के बारे में बताएंगे जिसकी मदद से किसान आर्थिक रूप से मजबूत बन रहे हैं.
नैनो यूरिया से किसान बने मालामाल
सरकार नैनो यूरिया पर काफी फोकस कर रही है. नैनो यूरिया कई मामलों में फर्टिलाइजर से बेहतर होती है. इसका इस्तेमाल आसान है वहीं इसकी मदद से फसलों की पैदावार काफी अच्छी होती है साथ ही इसकी लागत भी काफी कम रहती है.
ड्रोन से हाईटेक हुए किसान
खेती में ड्रोन का इस्तेमाल लगातार बढ़ता जा रहा है. अब संपन्न और हाईटेक किसान ड्रोन की मदद से तेजी के साथ कीटनाशक और फर्टिलाइजर का छिड़काव करते हैं. वहीं ड्रोन फसलों की ग्रोथ पर नजर भी रख सकते हैं. वहीं किसान अपने ड्रोन की सेवा दूसरे किसानों को किराये पर भी दे रहे हैं, जिससे उनकी अलग से आमदनी भी हो रही है. भारत सरकार ड्रोन खरीदने के लिए सब्सिडी के साथ ट्रेनिंग भी दे रही है.
हाइड्रोपॉनिक्स टेक्नीक
बिना मिट्टी के खेती, आज कल काफी चलन में आ रही है. इसे हाइड्रोपॉनिक्स कहते हैं.भारत में कई जगह पर इसके फार्म देखने को मिल रहे हैं. इससे फसल तेजी से होती है. आमतौर पर सब्जियां उगाने में इस तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है.
स्मार्ट डेयरी
स्मार्ट डेयरी के तहत डिजिटल सेंसर से जानवरों पर नजर रखने के साथ मशीनों के जरिए प्रोडक्ट मिलते हैं. सेंसर की मदद से जानवरों में रोग, उनके स्वभाव में बदलाव आदि से किसी भी परेशानी को समय रहते समझा जाता है. मशीनों से दूध से लेकर डेयरी प्रोडक्ट हासिल करने से शुद्धता के साथ किसानों की आमदनी भी बढ़ती है.
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