देश में पिछले 2 साल से लगातार पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) की कीमत आसमान छू रहे हैं. जिसकी वजह से लोगों को मजबूरन अब इलेक्ट्रिक कारों की ओर रुख करना पड़ रहा है. लेकिन चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी की वजह से ICE इंजन वाली कारों को भारी संख्या में खरीदा जा रहा है. हर साल करीबन 40 लाख के आस पास पैसेंजर व्हीकल खरीदते हैं. वहीं आज के समय में USA और चीन दुनिया के तीसरे सबसे बड़े ऑटोमोबाइल मार्केट बन चुका है. खैर आज हम देखेंगे पेट्रोल, डीजल और सीएनजी कारों (CNG Cars) में सबसे अधिक पसंद किया जाता है.
क्या है कारों का शेयर मार्केट
जैसा कि, हमने ऊपर बताया की 40 लाख से अधिक लोग हर साल पैसेंजर व्हीकल को खरीदने हैं. हालांकि, आज के समय में USA और चीन दुनिया के तीसरे सबसे बड़े ऑटोमोबाइल मार्केट बन चुका है. भारत में इतनी अधिक बिक्री होने के बावजूद भी भारत लगातार ऑटोमोबाइल सेक्टर को बढ़ाने का काम कर रहा है, और टाटा मोटर्स (Tata motors) के साथ महिंद्रा मोटर्स (Mahindra motors)जैसी अन्य बड़ी वाहन निर्माता कंपनियां इलेक्ट्रिक सेगमेंट को मार्केट में उतार रही हैं.
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हालांकि, देश का एक बड़ा तबका कमर्शियल वाहनों में डीजल इंजन वाली गाड़ियों को पसंद करते हैं. क्योंकि सीएनजी और पेट्रोल के मुकाबले डीजल की कीमत काफी सस्ती है और गाड़ियां भी अच्छी माइलेज देते हैं. वहीं पेट्रोल और हाइब्रिड कारों को भी खूब पसंद किया जा रहा है. इतना ही नहीं मार्केट में इनकी खरीद भी तेजी से बढ़ती जा रही है.
क्या कहते हैं ताजा आंकड़े ?
सबसे पहले पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट की बात करें तो, डीजल की बाजार हिस्सेदारी 2013 और 14 में 52% से घटकर इस वर्ष 2023 में लगभग 18% तक पहुंच गई है. लेकिन ऐसे में देश की बड़ी वाहन निर्माता कंपनी महिंद्रा ऐंड महिंद्रा अपने पोर्टफोलियो में बड़ी SUV डीजल इंजन (Diesel Cars) होने की वजह से उसे पर निर्भर रहती है. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो महिंद्रा की डीजल कारों के कुल बिक्री में लगभग 47% का योगदान दे रही है. उधर हुंडई भी 15.4% के साथ डीजल कारों को लेकर चल रहा है और किआ मोटर्स भी 12.7 % तक की हिस्सेदारी के साथ आगे बढ़ रहा है.
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