Flex fuel: केंद्रीय सड़क परिवहन और राज्य मंत्री नितिन गडकरी ने 29 अगस्त 2023 बुधवार को कहा कि, टोयोटा इनोवा (Toyota Innova) के 100% ईथेनॉल ईंधन वाले वेरिएंट को फ्लेक्स फ्यूल से चलाया जाएगा. अब बहुत सारे लोग ऐसे हैं जिन्हें फ्लेक्स फ्यूल के बारे में नहीं पता है तो आज हम इस फ्लेक्स फ्यूल के फायदे और नुकसान के बारे में बात करने जा रहे हैं.
क्या है Flex fuel ?
आज के समय में फ्लेक्स फ्यूल को डीजल और पेट्रोल की तरह देखा जा रहा है. यह एक तरह से ईंधन का काम कर रहा है. जिसे गैसोलीन और मेथेनॉल या फिर ईथेनॉल के मिश्रण से तैयार किया जाता है. इस ईंधन के इस्तेमाल के बाद पेट्रोल का इस्तेमाल काफी कम किया जाता है. अच्छी बात है कि फ्लेक्स फ्यूल इंजन वाली गाड़ियां किसी भी ईंधन से चलाई जा सकती हैं.
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कैसा होता है Flex fuel इंजन ?
फ्लेक्स फ्यूल वहान में लगने वाले इंजन को कुछ इस तरीके से तैयार किया जाता है कि उसे पेट्रोल के अलावा इथेनॉल से भी चलाया जा सके. इसके अलावा हाइब्रिड टेक्नोलॉजी वाले इस इंजन को और मजबूती देने के लिए इसमें बैटरी का इस्तेमाल किया जाता है. इस तरह की पहल से कार्बन उत्सर्जन पर काफी हद तक रोक लगाया जा सकता है.
क्या हैं Flex fuel इंजन के फायदे ?
हनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले समय में फ्लेक्स फ्यूल की गाड़ियां डीजल पेट्रोल की तुलना में काफी सस्ती होगी. क्योंकि इस एथेनॉल से अधिक मात्रा में चलाया जा सकता है वहीं पेट्रोल और डीजल पर यह गाड़ी निर्भर नहीं होगी जिसकी वजह से इसकी अर्थव्यवस्था को संतुलन करने में काफी हद तक मदद मिलेगा. अगर फायदे की बात करें तो सबसे बड़ी बात इस वहान से कोई पर्यावरण प्रदूषण नहीं फैलेगा.
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