Indian Railway: भारतीय रेलवे 10 हजार से ज्यादा ट्रेनें लाखों यात्रियों को सुगम, सुरक्षित और किफायती सफर कराती हैं. भारतीय रेलवे को इसलिए यात्रियों की पहली पसंद माना जाता है.लेकिन हाल ही में रेलवे द्वारा जारी किए गए आंकड़ों ने उसकी टेंशन बढ़ा दी है.यात्रियों को बेहतर सुविधाओं को देने के लिए जहां एक तरफ भारतीय रेलवे वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों का विस्तार पूरे देश में कर रही है. वहीं दूसरी ओर रेल से यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में गिरावट आ रही है. आइए आपको बताते हैं कि गिरावट कितनी बड़ी संख्या आ रही है.
24 प्रतिशत घटे यात्री
जानकारी के मुताबिक वित्त वर्ष 2022- 23 में रेल यात्रियों की संख्या में गिरावट देखी गई है. जबकि कोरोना के पहले यानी वित्त वर्ष 2019- 20 के बीच में रेल यात्रियों की संख्या 7674 करोड़ थी.जबकि 2020 -21 में 985 करोड़ यात्रियों ने रेल में सफर किया है. जबकि वित्त वर्ष 2022- 23 से 5858 करोड़ यात्रियों ने सफर किया.जो कि वित्त वर्ष 2022- 23 यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या से 24 प्रतिशत कम थी.
इस जोन में सबसे कम यात्रियों ने किया सफर
रेलवे के इस दौरान रेलवे के नॉर्दन जोन में यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली है.आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 की अपेक्षा वित्त वर्ष 2021-22 में 176 करोड़ यात्रियों कम सफर किया है. रेलवे के सेंट्रल जोन में भी 127 करोड़ यात्रियों की कमी आई है. हालांकि सरकार प्रयासरत है कि कोरोना से पूर्व के आंकड़े पर रेलवे यात्रियों की सफर की संख्या आ जाए.
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ट्रेनों में गार्डों के भी बदले गए नाम
हाल ही में रेलवे बोर्ड ने बड़ा फैसला करते हुए ट्रेन के गार्ड की मांगों को मानते हुए कहा है कि उन्हें अब गार्ड की बजाए “गुड्स ट्रेन मैनेजर” के नाम से संबोधित किया जाएगा. रेलवे ने आधिकारिक तौर पर इसका ऐलान भी कर दिया है.बता दें काफी लंबे समय से गार्डों के द्वारा अपने पदनाम के चेंज करने के लिए यह दलील दी जा रही थी कि ट्रेन भी गार्ड का काम सिर्फ सिंगनल के लिए झंडी दिखाना नहीं है.उसके अलावा भी गार्ड के पास कई बड़ी जिम्मेदारियां होती हैं. इसलिए रेलवे से उनकी मांग थी कि उनके नाम को बदला जाए.
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